जीवंत निशान
"बेशर्मी की भी हद होती है फिर से मेरी देहरी पर? इतने अपमान के बाद भी तुम्हें चैन नहीं आया और चले आए मुॅंह उठाकर। तुम्हे मुझे दिखाई देने की हिम्मत भी कैसे हुई ? भूल गए वह दिन जब हमने तुम्हें इसी घर से बेइज्जत करके निकाला था।" डाॅक्टर सागर ने गुस्से में धमकी भरें शब्दों में कहा।
"आप बिलकुल सही कह रहे है। मैं आपके द्वारा दिए गए अपमान को नहीं भूला हूॅं और ना ही उसके लिए आया हूॅं जिसकी जिंदगी आपने अपने झूठे रूतबे और शानोशौकत को बरकरार रखने के लिए पहले ही तबाह कर दी है। मैं आपके बारे में जानता बहुत कुछ हूॅं लेकिन आप मुझसे बड़े है, सम्माननीय हैं इस नाते मेरा कोई हक नहीं बनता कि मैं आपका अपमान करूं? आपका शुभचिंतक होने के लिए कारण मैंने सोचा कि आपको यह बात मैं स्वयं ही आपसे कहूं। रहा सवाल मुझे बेइज्जत करके इस घर से निकालने की तो वह मेरी ऑंखों के सामने आज भी जीवंत है और शायद! तब तक जीवंत रहेगा जब तक कि मैं जीवित हूॅं लेकिन?" अपने कहे जाने वाले शब्दों को आधा - अधूरा कहते हुए डॉ. चंदन ने डाॅक्टर सागर की तरफ देखा।
"लेकिन क्या ?मुझे तुमसे कुछ नही सुनना। अब तुमसे कुछ नही लेना देना, नाऊ यू गेट आउट "डाॅक्टर सागर ने दरवाजे की तरफ इशारा करते हुए कहा।
"सॉरी सर! फिर भी मुझे आपसे यह बात कहनी ही हैं क्योंकि मुझे देना है आपको कुछ अत्यंत गोपनीय फोटोग्राफ। उन्हीं को लेकर आया हूॅं।" कहते ही डाॅ. चंदन ने एक लिफाफा सागर के सामने रखी मेज पर जोर से दें मारा।
मेज पर फोटो से भरा एक लिफाफा छोड़ कर पीठ घुमाए डाॅक्टर चंदन लौट ही रहे थे कि लिफाफे पर एक नजर डालने के पश्चात उसे रोकते हुए सागर ने कहा।
"ठहरों! मैंने तो तुम्हें हानि पहुंचाने में कोई कसर नही छोड़ी थी फिर भी तुम मेरे लिए यें सब क्यों कर रहें हो ? तुम चाहते तो इन फोटोग्राफ्स की मदद से मेडिकल की दुनिया में बदनाम कर सकते थे। मैं कहीं का ना रहता जब यह फोटोग्राफ्स सबके मोबाइल की स्क्रीन पर मेरा मेडिकल के क्षेत्र में की गई कालाबाजारी का काला सच उजागर कर रहा होता लेकिन अभी तक मेरी समझ में यह बात नहीं आ रही कि मुझ पर यें मेहरबानी क्यूं?"
आप मुझे भूल गए मुझे इसका एहसास बहुत पहले ही हो चुका है लेकिन मैं आपकी तरह बिल्कुल भी नहीं हूॅं। जिस किसी और कोई को मैं एक बार भी अपना मान लेता हूॅं उसके हित के बारे में सोचना मेरी जिम्मेदारी हो जाती है चाहे वह कोई मेरा मरीज हो या फिर मेरा कोई अपना। रहा सवाल आपके कहेनुसार मेहरबानी करने की तो हूॅं मैं एक दुर्बल मानव ही! इस दिमाग ने बहुतों बार कहा कि इस लिफाफे में रखी तस्वीरों को सरेआम कर दें लेकिन मेरा दिल नही चाहता था कि कभी यें भी आवेश में क्रिया की प्रतिक्रया कर बैठे। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप क्या करना चाहते है?" सीनियर डाॅक्टर सागर ने देखा कि बोझिल क़दमों को लिए उनका जूनियर डाॅक्टर चंदन अपने दिल की बातें कहने के पश्चात जा चुका है।
सीनियर डाॅक्टर सागर को उस क्षण यह महसूस हुआ कि कमरें में बिछे कालीन पर नही बल्कि उसके मस्तिष्क पर भी उसके कदमों के निशान गड़े रह गए हैं।
"आज मैंने आप लोगों को एक सच्चाई बताने के लिए बुलाया है। मेरे शाॅर्ट नोटिस के बावजूद भी आप लोग बड़ी तादाद में यहां आएं इसके लिए आप सभी का तहेदिल से आभार! हाॅं तो सबका समय ना नष्ट करते हुए मुख्य मुद्दे पर आते है। जैसा कि कुछ महीनों पूर्व आप लोगों के समक्ष ही डाॅक्टर चंदन पर यह इल्जाम लगा था कि उन्होंने मरीजों के लिए आई दवाओं के साथ छेड़छाड़ की हैं और उसे ऊंची कीमत पर बड़े - बड़े मेडिकल स्टोर्स को बेचे है। अब आप लोग कहेंगे कि उस वक्त सभी ने तस्वीरें भी तो देखी थी। हां! सभी ने तो तस्वीरें देखी थी लेकिन वह तस्वीर झूठी थी। असली तस्वीर वह नहीं थी जो सबने देखी बल्कि अब जो मैं आप लोगों को दिखा रहा हूॅं वह तस्वीर ही वास्तविक तस्वीर हैं। आप सभी स्वयं देखें तभी सबको यकीन होगा।" यह कहते हुए लिफाफे को सीनियर डाॅक्टर सागर ने खोलकर सामने बैठै मीडिया की तरफ कर दिया।
सीनियर डाॅक्टर सागर का लाइसेंस रद्द करने की घोषणा भी तत्काल ही हो गई और मीडिया के सामने ही मेडिकल चीफ ने डाॅक्टर चंदन का रद्द किया हुआ लाइसेंस रिनुअल कर दिया और सीनियर डाॅक्टर सागर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की अपील भी पुलिस से की। कुछ महीनों पूर्व झूठे आरोप ने डाॅक्टर चंदन से अपनी इज्जत के साथ - साथ अपना घर- बार तक छीन लिया था। यह इज्जत उन्होंने वर्षों की मेहनत से बनाई थी लेकिन सीनियर डाॅक्टर सागर के संसर्ग ने जिन्हें वह मेडिकल जगत का मसीहा मानते थे ने उन्हें सिर्फ इसलिए बर्बाद कर दिया था क्योंकि वह उनकी सच्चाई जान चुके थे।
सागर भी जेल की सलाखों के पीछे थे और अपने किए कर्मों की सजा काट रहे थे और डाॅक्टर चंदन भी पहले की भांति ही पूरी ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभा रहें थे लेकिन फिर भी अपने मसीहा द्वारा दिल पर लगाया गया निशान अभी भी जीवंत निशान बनकर उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था।
धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
गुॅंजन कमल 💓💞💗
०७/०७/२०२२
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# लेखनी कहानी
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Milind salve
10-Jul-2022 07:41 PM
👏👌🙏🏻
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Ilyana
07-Jul-2022 08:43 PM
Bahut sundar ma'am
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